नमस्कार दोस्तों जय मा मेलडी, हर हर महादेव , जय श्री गणेश। दोस्तों आज के समय में 99% लोगो की कुंडली में पितृ दोष होता है कोई एसा बिरला ही वीर पुरुष या धर्म का पालन करने वाली स्त्री होती है जिसकी कुंडली में पितृ दोष ना हो। ये तो बात हो गई ज्योतिषी तौर पर परन्तु कई लोगो के जीवन में पितृ दोष इसी जीवन का होता है अर्थात मृत संबंधी जैसे दादा, दादी,मौसी या कोई भी जो उनके घर में मृत्यु को प्राप्त हो गया हो और बार - बार स्वप्न में आ रहा हो। कभी स्वप्न में कुछ बताता हे कभी स्वप्न में उसकी लाश दिखाई देती है आदि। ये सब पितृ दोष के अन्तर्गत है आता है आज की पोस्ट में। में आपको दोनों तरह के पितृ दोष विस्तार से बताऊंगा और उसका समाधान भी। आप लोगो से मेरा निवेदन है कि ये पोस्ट पूरी अच्छी तरह से पढ़े क्योंकि अर्ध ज्ञान सदा हानिकारक होता है।
सबसे पहले हम ये जानते है कि कोई व्यक्ति पितृ कैसे बनता हैं? जब किसी व्यक्ति कि अकाल मृत्यु होती है परन्तु उनका मोह किसी व्यक्ति के लिए रहा जाता है उदाहरण के तौर पे पति की मृत्यु हो गई परन्तु मोह उसकी पत्नी या पुत्र में रह गया, मा मृत्यु को प्राप्त हो गई परन्तु उसका पुत्र अकेला था, किसी बाप को मृत्यु के पश्चात उसकी बेटी की शादी की चिंता हुई, कोई छोटी बच्ची कुवे में गिर मार गई परन्तु उसका मोह स्वाभाविक उसके माता - पिता में था। ऐसी स्थिति में आत्मा पितृ रूप में वापस धरती पर अपने घर में आती है भगवान से वरदान और शक्ति प्राप्त कर। कोई नर मृत हुआ हो तो उसे पितृ कहते है और नारी मृत हुई हो तो उसके सीको तर अर्थात देवी रूप कहते है। जिस व्यक्ति में आत्मा का मोह रह गया होता है उसके स्वप्न आत्मा आकर संकेत देती है परन्तु वो नहीं समझ पाता तो दूसरो के स्वप्न में जाती है अगर कोई भी आत्मा का संकेत समझ नहीं पाता तो ना चाहकर आत्मा व्यक्ति के जीवन में उभद्रव करना प्रारंभ कर देती है। फिर व्यक्ति किसी जानकार व्यक्ति के पास अपने समाधान के लिए जाता है। जानकार व्यक्ति पितृ दोष पकड़ तो लेता है परन्तु वे नारण बलि या ऐसी कोई विधि का उपाय बताता है जिससे आत्मा मुक्त हो जाए। उपाय करने के बाद समस्या कम होने की जगह बढ़ जाती हैं क्योंकि जिस आत्मा को भगवान से पूजने का वरदान प्राप्त है उसे आप वापस भगवान के पास भेजने की भूल कर रहे हो जो कि क्षमा करने योग्य नहीं। अगर आपको पता हो कि घर में कोई व्यक्ति अकालिन मृत्यु को प्राप्त हो गया था, कोई बच्ची कूवे में गिर मर गई थी या कोई घर का मृत व्यक्ति स्वप्न में आता है तो आपको बिना कोई देर किए किसी भय में न आकर उनका उपाय करना प्रारंभ कर देना चाहिए। में उपाय आपको दोनों पितृ दोष के बताऊंगा ज्योतिषी तौर पे भी और इस जन्म के भी।
तो चलिए उपाय देखते है :-
उपाय (1) - अगर आपके स्वप्न में पितृ आते है या आपके घर के किसी सदस्य के स्वप्न में तो आपको उनको पूज कर नित्य प्रतिदिन याद करना चाहिए । में आपको पूजन विधि बताता हूं। आपको एक नारियल लाना है उसपे 5 तिलक करने है जो भी पितृ हो उनके नाम से फिर अगर पितृ पुरुष हो तो सफेद कपड़ा नारियल पे लपेटना है और अगर स्त्री हो तो लाला कपड़ा लपेटना है। अब आपको उनको स्थान मंदिर स्थली पर ही देना हे परन्तु देवी देवता के साथ में नहीं। आपको एक नया छोटा सा बाज़ोट खरीद कर लाना हे और उसपे नारियल रूपी पितृ को स्थान देना हे और प्रतिदिन उनके सामने घी का खड़ी रूई का दीपक करना हे। आपको कुछ ही दिनों में उनकी कृपा प्राप्ति का अनुभव होगा और आपके सारे कार्य निर्विघ्न होने लगेंगे।
उपाय (2) - अगर आप पहला उपाय नहीं कर सकते तो आप ये उपाय कर सकते है। आपको पितृ के नाम से एक पोधा बॉ देना है किसी भी फूल या वृक्ष का और पितृ देव को कहना है कि आप इसमें स्थान ग्रहण करे फिर आपको उस पोधे में प्रतिदिन अगरबत्ती से पूजन करना है और अमावस्या को खीर का भोग लोबान के धूप में आहुति देनी है पितृ के नाम से। मैने इसपर पहले भी पोस्ट बनाई हे आप उसे वेबसाइट विजिट करके देख सकते है।
उपाय (3) - अगर आप दोनों उपाय नहीं कर सकते तो ये उपाय आप कर सकते है ये बेहद ही सरल और सहज उपाय हे आपको पक्षियों को पितृ - पूर्वज के नाम से दाने डालने हे और पानी देना है हर रोज आपको एसा करना है और हफ्ते में एक बार मंदिर जाकर किसी गरीब को दान देना है पैसे या खाने को कुछ या वस्त्र पितृ के नाम से आपको हफ्ता का एक दिन चुनकर नियम बना लेना है कि में किसी गरीब को दान करूंगा आपके पास कुछ ज्यादा ना हो तो भी आप 10 रुपए दान कर दे उसका भी फल प्राप्त होगा अवश्य जिनकी कुंडली में पितृ दोष है वो भी ये कर सकते है। जैसे आप 5 किलो से ऊपर पक्षियों को दाने डाल देंगे आपके पितृ की विशेष कृपा प्राप्ति होगी।
में मेरा सम्पूर्ण ज्ञान गुरु माता मां खूंखार मेलडी(Bareja) तथा गुरु पिता महादेव और गुरुदेव श्री गणेश का प्रसाद समझता हूं तथा सारा श्रेय उनके श्री चरणों में समर्पित करता हूं।